Monday, 17 September 2012

9/11 के ऐतिहासिक दिवस पर नरेन्द्र मोदी जी का भाषण



प्रिय मित्रों,
जब कभी 11 सितंबर की चर्चा होती है तब ज्यादातर लोगों के मन में अमेरिका के दो बड़े शहरों की ऐतिहासिक इमारतों पर विमान द्वारा किए गए भयानक आतंकवादी हमले की याद ताजा हो जाती है, जिसने भारी तबाही मचाई थी।
हालांकि, 11 सितंबर की एक और घटना भी इतिहास के पन्नों पर दर्ज है, जिस दिन समग्र विश्व का ध्यान भारत के महानतम सांस्कृतिक मूल्यों और सामथ्र्य की ओर आकृष्ट हुआ था। 1893 में आज ही के दिन शिकागों में आयोजित विश्व धर्म परिषद में स्वामी विवेकानंद ने अपना प्रसिद्घ भाषण दिया था। मेरे अमेरिकन भाइयों और बहनों – सिर्फ इन्हीं चंद शब्दों के जरिए इस महापुरुष ने भारत माता के वैश्विक एकता के प्राचीनतम संदेश को समग्र विश्व तक पहुंचा दिया था।
इस ऐतिहासिक दिवस पर, मैं बेचराजी के पवित्र शहर से बहुचर माता के आशीर्वाद के साथ च्स्वामी विवेकानंद युवा विकास यात्राज् की शुरुआत कर रहा हूं। स्वामी विवेकानंद ने एक समर्थ और समृद्घ भारत की कल्पना की थी और मेरी इस यात्रा के दौरान, स्वामी जी का यह संदेश मैं गुजरात के कोने-कोने में विशेषकर युवाओं तक पहुंचाना चाहता हूं। स्वामी जी की 150वीं जन्मजयंती के अवसर पर गुजरात 2012 के वर्ष को युवा शक्ति वर्ष के रूप में मना रहा है, और मुझे भरोसा है कि इस मौके पर हमारे द्वारा किया जा रहा प्रयास अत्यंत फलदायी साबित होगा।
आज का दिन एक और वजह से ऐतिहासिक कहा जा सकता है, क्योंकि आज ही से हमने गुजरात भर में गुटखा पर प्रतिबंध लागू किया है। गुटखा की वजह से अनगिनत लोगों को अपनी जान गंवाते देख मुझे काफी दु:ख होता था। गुटखा के चलते राज्य की किसी भी महिला को अपना पति या नौजवान बेटा खोने की नौबत न आए, इस संकल्प के साथ हमने यह प्रतिबंध लागू किया है। हमारा स्वप्न स्वस्थ गुजरात का निर्माण करना है, जहां लोगों के शब्दकोश में गुटखा नाम का कोई शब्द ही न हो।
विश्व धर्म परिषद में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए भाषण को मैं यहां रख रहा हूं। चलिए, 9/11 के दिवस को हम वैश्विक शांति और भाईचारे के दिन के तौर पर याद रखें तथा समर्थ और भव्य भारत के स्वामी विवेकानंद के स्वप्न को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें।
आपका
नरेन्द्र मोदी

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